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राजभाषा ही राष्ट्र की प्रगति का प्रवाह है

भारती व यूरोपीय भाषाओं का हम वैज्ञानिक अध्ययन करें तो,हम पाएंगे कि यूरोपीय कुल की भाषाओं को बोलने वाले व भारतीय कुल की भाषाओं को बोलने वालों किसी न किसी युग में एक ही स्थान पर रहे होंगे। भाषा किसी भी प्राणी सशक्त माध्यम भर नही हैं संसार के सभी प्राणी अपने भाषाओं की अभिव्यक्ति किसी न किसी भाषा के के माध्यम से करते हैं।मनुष्य अपने भावों को बोलकर या लिखकर प्रकट करता है,भाषा केवल कानों का ही नहीं,अपितु आंखों का भी विषय है भाषा मनुष्य के शिक्षा एवं ज्ञान का प्रमुख आधार है । भाषा के द्वारा ही मनुष्य के शारीरिक बौद्धिक व व्यक्तित्व का विकास होता है । भाषा कोई पैतृक संपत्ति नहीं है भाषा एक अर्जित संपत्ति है । हिंदी हिंदू हिंदुस्तान यह सब शब्द संस्कृत के नहीं है, हिंदी भाषा का जन्म उत्तर भारत में हुआ पर इसका नामकरण ईरानियों तथा भारत के मुसलमानों के द्वारा किया गया । वस्तुत हिंदी किसी संप्रदाय या धर्म की भाषा नहीं है इसपर सबका बराबर का अधिकार है l किसी भाषा का साहित्य अपने समाज का अंग ही नहीं वरन उसका स्मारक है । क्योंकि इतिहास और समाज के बदल जाने पर भी स्मारक नहीं बदला करते

अभिव्यक्ति की आजादी और न्यायलय की अवमानना

प्रशांत भूषण को 31 तारीख को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में दोषी करार दिया गया! 3 सदस्य न्यायालय पीठ ने जिसमें जस्टिस अरुण मिश्रा जस्टिस वीआर गवाई जस्टिस कृष्ण मुरारी शामिल थे ने प्रशांत भूषण को अदालत ने कोर्ट का अवमानना का दोषी पाया तथा उन्हें सज़ा एक रुपए की धन राशि की सजा दी गई अगर यह रकम 15 सितंबर तक प्रशांत भूषण द्वारा नहीं चुकाया जाता है! उनको 3 माह का कारावास तथा 3 साल तक के लिए वकालत से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा क्या था मामला- प्रशांत भूषण ने दो ट्वीट किए थे पहला ट्वीट 31 जून 2020 वह दूसरा टूट 19 जून 2020 को किया था जिसमें उन्होंने एक तस्वीर पोस्ट करते हुए चीफ जस्टिस CGI पर टिप्पणी की थी और चार पूर्व जजों पर भी भस्टाचार का आरोप लगाया था ! इस पर 9 जुलाई महक महेश्वरी सुप्रीम कोर्ट में अदालत की अवमानना का रीट लगाया था भूषण की मुश्किलें तब बड़ी जब कोर्ट ने 21 जुलाई को ट्वीट पर स्वत संज्ञान ले लिया भूषण को अवमानना का दोषी पाया गया व उनको न्यायलय अवमानना अधिनियम 19971 के तहत सज़ा दिया गया न्यायलय अवमानना अधिनियम 19971 क्या है - न्यायालय का अवमानना अधि

ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बाधा बने संसाधन

कोरोना महामारी के कारण छात्र-छात्राओं की पठन-पाठन की प्रक्रिया बाधित हो गई है। स्कूल व कालेज बंद पड़े हैं। छात्रों के सामने अनेकों समस्याएं उत्पन्न हो रही है। छात्रों की समस्याओं को निजात दिलाने के लिए स्कूलों और कालेजों के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। इन शैक्षणिक संस्थाओं के माध्यम से वर्चुअल क्लास या व्हाट्सएप के माध्यम से शैक्षणिक प्रक्रिया प्रतिपादित की जा रही है। अभी हाल में राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के द्वारा एक सर्वेक्षण किया गया है। इस सर्वेक्षण से पता चला है कि 27 प्रतिशत छात्रों के पास स्मार्टफोन व लैपटॉप नसीब नहीं है। जबकि 28 प्रतिशत छात्र और अभिभावक बिजली में व्यवधान या कमी को पठन-पाठन में एक प्रमुख रुकावट मानते हैं। एनसीईआरटी के इस सर्वेक्षण में केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और प्राचार्यों सहित 34000 लोगों ने हिस्सा लिया था। इनका कहना था कि प्रभावी शैक्षणिक उद्देश्य के लिए उपकरणों के उपयोग की जानकारी की कमी तथा शिक्षकों में

घर लौट प्रवासी को रोजगार

लॉकडाउन के कारण घर लौटे प्रवासी श्रमिकों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टिगत से मिर्जापुर के जिला अधिकारी श्री सुशील कुमार पटेल ने खोला हेल्पलाइन नंबर, जो भी प्रवासी हो वाह सेवायोजन कार्यालय के हेल्पलाइन नंबर 05442--220 732 पर काल कर के  ले सकते हैं जानकारी l जनकारी के अनुसार जिले मे रोजगार मेला का आयोजन कर प्रवासी श्रमिकों को  रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा  l

प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों कि परीक्षाएं रद्द

उत्तर प्रदेश के राज्य के सभी विश्वविद्यालयों कि परीक्षाएं रद्द । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया फैसला ।  उच्च शिक्षा विभाग के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने किया फैसला लिया गया लंबी चली बैठक मे कोरोना महामारी को देखते हुए यह फैशला योगी सरकार ने लिया  अभी छात्रो के प्रोमोट के नियम पर कोई फ़ैसला नही लिया गया है! 

एक भारतीय जिसने हिला दिया पूरा चीन

सोनम वांगचुक इस समय काफी ज्यादा ना नाम सेंड कर रहा है  सोनम wangchuk का जन्म 1 सितंबर 1966 जम्मू कश्मीर के अल्चि जो( अब लद्दाख प्रदेश में) हुआ था  इन्होंने  बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग श्री जम्मू कश्मीर नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी श्रीनगर से किया था ये स्टूडेंट लाइफ में स्टूडेंट एजुकेशन एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख के फाउंडर इनके पिता का नाम सोनम वंग्यल है   सोनम वांगचुक ने इस समय चाइना के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है उनका एक वीडियो कफी वैरला हो रहा है जिसमे यह कहा है की बॉयकॉट चाइना समान   इसको देख कर चाइना सरकार एकदम बौखला गई है  सोनम वंगचिक ने शिक्षा पर भी काम किया है यह भारतीय नागरिक हैं और इनका योगदान बड़ा ही सराहनीय रहा है

सियाचिन से सोनभद्र के जवान ने सरकार से लगाई गुहार

 सियाचिन से सोनभद्र के जवान ने जोकि रेनू सागर सोनभद्र में रहता रहते हैं उसने योगी सरकार से मदद के लिए गुहार लगाया है सेना के जवान  का कहना है कि  उसका f.i.r. नहीं लिखा जा  रहे हैं              तथा उसने अपने पड़ोस के ही एक व्यक्ति पर उसके मकान में चोरी के लिए एफ आई आर दर्ज कराना चाहता है  एफ आई आर दर्ज नहीं हुआ तो उसने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया उसके बाद में  वीडियो वायरल हो गया तथा  वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद ही  पुलिस महकमा हरकत में आ गई  सोनभद्र के एसपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया है कि हमें एक पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें सेना के जवान ने अपनी शिकायत दर्ज कराया है हम उस पर जांच के आदेश दिए हुए हैं जांच का जांच जैसे ही पूर्ण होती है उसमें  जो कोई भी दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर आगे का विधिक कार्रवाई किया जाएगा  !!